तेरे प्यार मे कही हर गज़ल पर जमाना रुस्वाइयां देता था
तेरे जाने के बाद ये मन्जर है कि खामोशी भी सबको शायरी सी लगती है
तेरे जाने के बाद ये मन्जर है कि खामोशी भी सबको शायरी सी लगती है
- एकता नाहर
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