गजल
तन्हा नहीं कटते ज़िन्दगी के रास्ते,
हमसफ़र किसी को तो बनाना चाहिए था !!
शब् के अँधेरे गहरे थे बहुत,
मेरे लिए रौशनी किसी को तो जलाना चाहिए था !!
रोते हुए दिल की बात वो समझ ना सके,
शायद आँखों को भी आँसू गिराना चाहिए था !!
यूँ ही ऐतवार कर बेठे एक अजनबी पर हम,
एक बार तो उस शख्स को आजमाना चाहिए था !!
- एकता नाहर
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October 18, 2010 at 1:13 AM
inshaad,
bt itna dard nai yar,ek pyaar ki khoobsurti pe bi likh do
October 22, 2010 at 9:10 PM
nice one..
November 27, 2010 at 1:10 AM
khubsurat gajal,,,,,touchable.....best one